Understanding PCOS/PCOD: Causes, Symptoms & Treatment
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A video about Polycystic Ovary Syndrome (PCOS) covers its causes, symptoms, and various treatment options. This comprehensive guide aims to provide clarity and actionable insights, whether you are dealing with PCOS yourself or supporting a loved one. #PCOS #PolycysticOvarySyndrome #WomenHealth #Healthcare #Wellness #pcostreatment
Full Video Transcript
आईवीएफ एंड फर्टिलिटी कंसल्टेंट वेल्स बंग
आईवीएफ एंड वूमेंस हॉस्पिटल अहमदाबाद से
वेल स्पीक आईवीएफ एंड वुमन हॉस्पिटल के
न्यू वीडियो में आपका स्वागत है आज हम बात
करेंगे कॉमन डिसऑर्डर पीसीओडी पीसीओएस के
बारे में कि उसके सिमटम्स क्या है इसके
कॉसेस क्या है उसकी इन्वेस्टिगेशन कैसे कर
सकते हैं और क्या ट्रीटमेंट ऑप्शन अवेलेबल
है हमारे क्लिनिक में रूटीन वन थर्ड
इनफर्टिलिटी पेशेंट्स में पीसीओडी कॉमन
होता है इवन यंग लड़कियों में भी वो हमारे
पास आते हैं एक्सीडेंटल फाइंडिंग के साथ
कि हा सोनोग्राफी में पॉलीसिस्टिक ओवरी
डायग्नोज हो गया है तो सर क्या हमें
पीसीओडी है या नहीं है जनरली सिर्फ
सोनोग्राफी के फाइंडिंग पर हम पीसीओडी या
पीसीओएस है वो ऐसा लेबल नहीं कर
सकते उसके लिए या तो पेशेंट्स के पीरियड
इरेगुलर हो एनमल वेट गेन हो उनके फेशियल
हेयर मेल टाइप हेयर पैटर्स हो या हार्सनेस
ऑफ वॉइस हो फेशियल एक्नेस के सिम्टम्स हो
तो वह सारे केसेस में पीसीओडी हो सकता है
अमेरिकन रिप्रोडक्टिव सोसाइटीज के
अकॉर्डिंग मैं बताने वाले तीन सिमटम्स में
से एटलीस्ट दो सिमटम्स अगर हो तो हम बोल
सकते हैं कि पीसीओडी या पीसीओएस है सबसे
पहले सोनोग्राफी में पॉलीसिस्टिक ओवरी का
फाइंडिंग्स होना सेकंड फेश हेयर पैटर्न हो
फेशियल एकनी हो और साथ में ब्लड टेस्ट में
भी या तो टेस्टोस्टेरोन और डा हाइड्रो
एस्टन का लेवल है वह बढ़ा हुआ हो तीसरा
डिलेड पीरियड या इरेगुलर पीरियड हो यह तीन
में से अगर कोई भी दो सिम्टम्स साथ में है
तो हम उसको पीसीओडी या पीसीओएस मान सकते
हैं पीसीओडी और पीसीओएस दोनों सेम ही वर्ड
है उसमें कोई डिफरेंस नहीं है अगर हम उनके
कारण की बात करें कि पीसीओडी क्यों होता
है तो पहला री न जेनेटिक हो सकता है अगर
आपके मदर को पीसीओडी है आपके सिस्टर को
पीसीओडी है तो आपको भी पीसीओडी आ सकता है
जो दूसरा मोस्ट कॉमन रीजन है वो
लाइफस्टाइल डिसऑर्डर बिकॉज जो पीसीओडी है
वो एक लाइफ स्टाइल डिसीज है जिसमें आपका
वेट है वो एनमल वेट गेन होता है आप जंक
फूड ज्यादा खाते हो प्रोसेस फूड ज्यादा
खाते हो प्रोटीन कम लेते हो विटामिंस की
कमी है आपकी लाइफस्टाइल पूरी सेडेंटरी है
एरोबिक एक्सरसाइज आप बिल्कुल नहीं कर रहे
हो तो यह सारे केसेस में क्या होता है कि
ग्रेजुएट में आते हैं पीसीओडी के साथ में
पीरियड है वो इरेगुलर होता है और फेशियल
हेयर और एकनी या स्किन प्रॉब्लम्स भी
उसमें देखी जा सकती है अब हम देखेंगे कि
पीसीओडी में इरेगुलर पीरियड क्यों होता है
तो नॉर्मल सिनेरियो में अंडर हार्मोनल
इफेक्ट अ पीरियड के सेकंड डे
से काफी सारे फॉलिकल्स में से कोई एक
फॉलिकल्स डोमिनेंट होके आगे मैच्योर होता
है और अ जब वो कंप्लीट फॉलिकल मैच्योर हो
जाए तो उसमें से मैच्योर एक ओवुलेशन के
टाइम है अंडर हार्मोनल इफेक्ट रिलीज होता
है जबकि पीसीओडी एक प्रोग्रेसिव डिसऑर्डर
है उसमें क्या होता है कि काफी सारे
फॉलिकल्स ओवरी में इकट्ठे होते हैं ओवरीज
एनलार्जमेंट
जो फॉलिकल्स है डोमिनेंट फॉलिकल है वह
मैच्योर नहीं हो पाता टाइमली रिलीज नहीं
हो पाता जिससे पीरियड है वो इरेगुलर हो
जाते हैं अगर
हम उसके इन्वेस्टिगेशंस के बारे में जाने
तो पीसीओडी में सबसे पहले हम सोनोग्राफी
में पॉलीसिस्टिक ओवरी है कि नहीं वह जान
सकते हैं सेकंड हम पीरियड के सेकंड डे
ब्लड इन्वेस्टिगेशन कराते हैं जिसमें
एफएसएम एलएच हार्मोन एफएस एच एंड एलएच
हार्मोन का
रेशियो फास्टिंग इंसुलिन लेवल क्या है
शुगर देने के दो घंटे बाद का इंसुलिन लेवल
क्या
है ब्लड में प्रोलेक्टिन हार्मोस का लेवल
क्या है टीएस हार्मोस का लेवल क्या है और
अगर फेशियल हेयर
एकनी वॉइस में हार्सनेस जैसे सिम्टम्स है
तो हम ब्लड में टेस्टोस्टेरोन लेवल डाडो
एंडोस्टम लेवल क्या है वो भी एडवाइस करते
हैं तो आपका जो डॉक्टर होता है आपके
अकॉर्डिंग जो सिमटम्स है जो भी
इन्वेस्टिगेशंस रिक्वायर्ड होते हैं वो
सारे आपको सजेस्ट करते हैं अब हम जानेंगे
कि अगर पीसीओडी है तो उसके ट्रीटमेंट
ऑप्शन क्या है तो सबसे पहले समझ लीजिए कि
सारे पीसीओडी की ट्रीटमेंट है वो कोई एक
कॉमन नहीं है अगर आपके फेशियल हेयर एकनी
या मेल एंड्रोजेनिक सिमटम्स है तो उसकी
ट्रीटमेंट स्पेसिफिक हो रही होती है सेकंड
प्रेगनेंसी कंसीव नहीं होती है ओवुलेशन
टाइमली नहीं हो हो पा रहा है तो उसके लिए
ट्रीटमेंट है वो स्पेसिफिक होती है अगर
सिर्फ इरेगुलर पीरियड है रेगुलराइज करना
है और कंसेप्ट का प्लानिंग नहीं है तो भी
उसकी ट्रीटमेंट है वो स्पेसिफिक होती है
पेशेंट मैरिड है अनमैरिड है उसको
प्रेगनेंसी रखनी है नहीं रखनी है उसके
बेसिस पर भी ट्रीटमेंट होती है बट जनरली
हम यंग पेशेंट्स में शुरू के केस में
हार्मोनल ट्रीटमेंट देने की वजह लाइफ
स्टाइल मॉडिफिकेशन पे काफी ज्यादा जोर
देते हैं जिसमें हम उनको एडवाइज करते हैं
कि एटलीस्ट आप रेगुलर कोई भी एरोबिक फॉर्म
में एक्सरसाइज है स्टार्ट कर सकते हो शुरू
में 15 से 20 मिनट वॉकिंग से भी आप
स्टार्ट कर सकते हो
ग्रेजुएट करना है प्रोसेस फूड अवॉइड करना
है उसमें प्रोटीन वाला डाइट है व इंक्लूड
करना है और आपको आपका जो भी वेट है तो
उसमें से एटलीस्ट 5 पर या 10 वेट लॉस का
गोल है वह रखना है अगर यह लाइफस्टाइल
मॉडिफिकेशन करते हैं तो पीसीओडी में काफी
इंप्रूवमेंट है वह देखी जाती है मान लो कि
अगर पेशेंट मैरिड है और उनको प्रेगनेंसी
के लिए प्लान करना है तो लाइफ स्टाइल
मॉडिफिकेशन तो है ही बट उसके साथ में हम
एग्स की क्वालिटी इंप्रूव हो और पीसीओडी
का फर्द प्रोग्रेशन फास्ट ना हो उसके लिए
स्पेसिफिक मेडिकेशन देते हैं पेशेंट्स का
फॉलिकल्स मैचोर हो और टाइमली लशन हो उसके
लिए भी स्पेसिफिक मेडिकेशंस देते हैं अगर
ब्लड में हार्मोस का इंबैलेंस काफी बढ़
गया है और जो फॉलिकल्स बनने की मेडिकेशन
ओरल मेडिकेशन भी वर्क नहीं करती है तो वो
वैसे एडवांस पीसीओ केस में हम
लेप्रोस्कोपिक ओवन ड्रिलिंग भी सजेस्ट
करते हैं जिसमें हम ओवरीज में थ्रू
लेप्रोस्कोपी मल्टीपल पंक्चर करते हैं
जिससे जो एनमल एफएस एच एलएच हार्मोस का
रेश जो है वो नॉर्मलाइज होता है जिससे
जिसके बाद नॉर्मल लशन होने के चांसेस भी
रहते हैं और नॉर्मल कंसेप्ट के चांसेस
रहते हैं अगर मान लो यह सारी कंजरवेटिव
ट्रीटमेंट और लेप्रोस्कोपी ट्रीटमेंट करने
के बाद भी अगर प्रेगनेंसी नहीं रहती है और
शॉर्ट टाइम में प्रेगनेंसी के रिजल्ट
ओरिएंटेड अप्रोच में जाना है तो हम आईवीएफ
इक्सी का एडवांस ऑप्शंस भी सजेस्ट कर सकते
हैं तो पेशेंट्स की कंडीशन सिमटम्स और
रिक्वायरमेंट के अकॉर्डिंग मल्टीपल ऑप्शंस
होते हैं
पीसीओडी के बारे में अगर और भी कोई कुछ
क्वेरीज है तो आप हमें कमेंट करके बता
सकते हो आज के लिए बस इतना ही
नमस्कार
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